अगर आप अपने सपनों का घर खरीदना चाहते हैं और बैंक से होम लोन लेने की सोच रहे हैं, तो सिर्फ डॉक्यूमेंट्स की तैयारी से काम नहीं चलेगा। आज के समय में बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और खास तौर पर CIBIL स्कोर को बहुत ध्यान से देखते हैं। यह स्कोर तय करता है कि आपको लोन मिलेगा या नहीं, और अगर मिलेगा तो किस ब्याज दर पर।
CIBIL स्कोर क्या होता है?
CIBIL स्कोर एक तीन अंकों का नंबर होता है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री यानी अब तक लिए गए लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान पर आधारित होता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है।
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अगर आपने अपनी EMI और क्रेडिट कार्ड की भुगतान समय पर किया है, तो आपका स्कोर अच्छा होगा।
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जितना ज्यादा स्कोर, उतनी ही ज्यादा बैंक की नज़र में आपकी साख।
होम लोन के लिए कितना CIBIL स्कोर चाहिए?
यह जानना जरूरी है कि होम लोन के लिए आपका स्कोर किस कैटेगरी में आता है:
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750 और उससे ज्यादा: बहुत अच्छा स्कोर है। लोन आसानी से मिलेगा और ब्याज दर भी कम हो सकती है।
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700–749: अच्छा स्कोर माना जाता है। लोन तो मिलेगा, पर हो सकता है ब्याज दर थोड़ी ज्यादा हो।
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650–699: स्कोर ठीक-ठाक है। बैंक शर्तें सख्त कर सकता है या ज्यादा दस्तावेज़ मांग सकता है।
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650 से कम: लोन मिलना मुश्किल है। बैंक को-एप्लिकेंट या ज्यादा डाउन पेमेंट मांग सकता है।
अगर CIBIL स्कोर कम है तो क्या करें?
अगर आपका स्कोर कम है, तो घबराएं नहीं। इसे सुधारा जा सकता है। कुछ आसान तरीके अपनाइए:
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EMI और क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर करें।
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क्रेडिट लिमिट का 30% से ज्यादा उपयोग न करें।
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अचानक कई लोन के लिए आवेदन न करें।
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हर साल एक बार अपनी CIBIL रिपोर्ट चेक करें और कोई गलती हो तो उसे सुधारें।
समय के साथ आपका स्कोर बेहतर हो जाएगा और लोन मिलने की संभावना भी बढ़ेगी।
डाउन पेमेंट ज़्यादा दें
अगर आप बैंक को दिखाना चाहते हैं कि आप कम रिस्की हैं, तो प्रॉपर्टी का 20-30% डाउन पेमेंट देने की कोशिश करें। इससे:
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बैंक को भरोसा होता है कि आप सीरियस हैं।
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लोन जल्दी पास हो सकता है।
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ब्याज दर थोड़ी कम मिल सकती है।
को-एप्लिकेंट जोड़ें
अगर आपका स्कोर कम है, तो आप किसी भरोसेमंद फैमिली मेंबर को को-एप्लिकेंट बना सकते हैं।
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अगर को-एप्लिकेंट का स्कोर अच्छा है, तो लोन मंजूरी की संभावना बढ़ जाती है।
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अगर को-एप्लिकेंट महिला है, तो कुछ बैंकों में ब्याज दर में छूट भी मिलती है।
लोन की लंबी अवधि चुनें
अगर आपकी EMI ज्यादा आ रही है, तो लोन की अवधि 20 से 25 साल तक रख सकते हैं।
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इससे EMI कम हो जाती है।
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हां, कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है, लेकिन शुरुआती बोझ कम हो जाता है।
इनकम प्रूफ तैयार रखें
बैंक यह भी देखता है कि आप EMI चुकाने में सक्षम हैं या नहीं। इसके लिए आपसे कुछ डॉक्यूमेंट मांगे जाएंगे:
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नौकरीपेशा लोगों से: सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, ITR
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बिजनेस वालों से: GST रजिस्ट्रेशन, बुक्स ऑफ अकाउंट, इनकम टैक्स रिटर्न
इन दस्तावेजों से बैंक को यकीन होता है कि आप समय पर EMI भर पाएंगे।
आने वाले समय में ब्याज दरों में राहत संभव
हाल ही में RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। इससे उम्मीद की जा रही है कि बैंकों की ब्याज दरें कम हो सकती हैं। ऐसे में अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं, तो थोड़ा इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है।
होम लोन लेना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन सही तैयारी से यह मुमकिन है। आपको बस इन बातों का ध्यान रखना है:
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CIBIL स्कोर अच्छा बनाए रखें
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EMI समय पर चुकाएं
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डाउन पेमेंट ज़्यादा दें
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को-एप्लिकेंट जोड़ें
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सही इनकम प्रूफ तैयार रखें
डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने फाइनेंशियल सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। ब्याज दरें और बैंक की नीतियां समय के अनुसार बदल सकती हैं।