1 करोड़ कर्मचारियों की उम्मीद के मुताबिक सैलरी में बढ़ोतरी नहीं होगी जानें वजह! 8th Pay Commission

By Shruti Singh

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8th Pay Commission

केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। हाल ही में सरकार ने इस संबंध में दो अहम सर्कुलर जारी किए हैं। इसके अंतर्गत वेतन आयोग के लिए 40 पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन पदों पर विभिन्न सरकारी विभागों से अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। इससे साफ है कि सरकार वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर गंभीर है और तैयारी की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।

कर्मचारियों और पेंशनधारकों में उत्साह
8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया शुरू होते ही देशभर के 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों में उत्साह की लहर है। सभी को उम्मीद है कि इस आयोग की सिफारिशों से न केवल उनके वेतन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि पेंशन और भत्तों में भी सुधार होगा।

फिटमेंट फैक्टर बना सबसे बड़ा सवाल
कर्मचारियों के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर कितना तय किया जाएगा। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही नई बेसिक सैलरी तय होती है। इससे तय होता है कि वेतन में कितनी बढ़ोतरी होगी। इसलिए कर्मचारी चाहते हैं कि फिटमेंट फैक्टर ऐसा हो जिससे उनकी सैलरी में वास्तविक रूप से अच्छी बढ़ोतरी हो।

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क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिससे वर्तमान बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी की वर्तमान बेसिक सैलरी ₹18,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.86 रखा जाए, तो नई सैलरी ₹51,480 (18,000 × 2.86) होगी। हालांकि, केवल आंकड़ों से यह तय नहीं होता कि बढ़ोतरी कितनी वास्तविक है।

पिछले आयोगों से क्या सीखा जा सकता है?
6वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था और इससे औसतन 54% वेतन में बढ़ोतरी हुई थी। जबकि 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, लेकिन वास्तविक बढ़ोतरी सिर्फ 14.2% ही रही। इसका कारण यह था कि फिटमेंट फैक्टर में महंगाई भत्ता (DA) पहले से शामिल था। इस बार कर्मचारी चाहते हैं कि फिटमेंट फैक्टर का निर्धारण इस तरह हो कि वेतन में असली बढ़ोतरी हो।

इस बार कितनी हो सकती है बढ़ोतरी?
कर्मचारी संगठन इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.86 की मांग कर रहे हैं। यदि ऐसा होता है तो न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 हो सकता है। हालांकि, पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग के अनुसार, यह वृद्धि व्यावहारिक नहीं है। उनके मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 1.92 के आस-पास हो सकता है, जिससे न्यूनतम वेतन ₹34,560 हो जाएगा।

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आयोग के गठन की अगली प्रक्रिया
सरकार ने आयोग के लिए नियुक्तियां शुरू कर दी हैं। इसके बाद टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी किया जाएगा, जिसमें आयोग का कार्यक्षेत्र तय होगा। इसके बाद आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति होगी। उम्मीद की जा रही है कि आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू की जाएंगी।

सरकार की वित्तीय स्थिति और बजट प्रभाव
7वें वेतन आयोग से सरकार पर ₹1.02 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ा था। 8वें वेतन आयोग में अगर फिटमेंट फैक्टर अधिक रखा जाता है, तो यह बोझ और भी बढ़ सकता है। ऐसे में सरकार सिफारिशों को लागू करने में सावधानी बरतेगी ताकि कर्मचारियों के हितों के साथ-साथ वित्तीय स्थिरता भी बनी रहे।

कर्मचारियों की उम्मीदें और सुझाव
कर्मचारी चाहते हैं कि इस बार केवल सैलरी ही नहीं, बल्कि HRA, यात्रा भत्ता, और शिक्षा भत्ता जैसे अन्य भत्तों में भी सुधार हो। साथ ही पेंशनधारकों की मांग है कि पेंशन को महंगाई के अनुसार बढ़ाया जाए ताकि उन्हें सम्मानजनक जीवन मिल सके।

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निष्कर्ष
8वें वेतन आयोग के गठन से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों में नई उम्मीदें जगी हैं। आयोग की सिफारिशें न केवल वेतन में वृद्धि लाएंगी, बल्कि सेवा शर्तों और काम के माहौल को भी बेहतर बनाएंगी। कर्मचारी उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार उन्हें उनके परिश्रम का उचित मूल्य मिलेगा और उनका जीवन स्तर सुधरेगा।

Shruti Singh

Shruti Singh is a skilled writer and editor at a leading news platform, known for her sharp analysis and crisp reporting on government schemes, current affairs, technology, and the automobile sector. Her clear storytelling and impactful insights have earned her a loyal readership and a respected place in modern journalism.

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